मैं ये बताना चाहता हूँ
मेरी काबिलियत को मेरे स्वभाव से मापने वाले उन सभी लोगों को मैं बस ये बतलाना चाहता हूं. तुम जो मेरे चुप चुप रहने पे, यूँ मुह बनाते हो, घुलता मिलता नहीं बिना बात मैं, इसे मेरी कमी बताते हो. क्यों मैं अखिर खुदको बदलूं तुम्हारे लिए छोड़ खुशियां अपनी, खुद से लड़लूं तुम्हारे लिए. तुम भी तो कभी मेरी जगह आके देखो ज़रा, चलो अदला बदली करें आज खुदको आज़मा के देखो ज़रा. मेरी काबिलियत को मेरे स्वभाव से मापने वाले उन सभी लोगों को मैं बस ये बतलाना चाहता हूं. आसान नहीं है यूं? सांझ मैं जीना दोस्तों अंधियारे मैं रात के, तन्हाई के आंसू पीना दोस्तों. ये मेरे अंदर के समन्दर की लहरें एक तूफान है खुद में, जिसे रोज समेट मैं घर से निकल पाता हूँ. जब मुझे टक टकी नज़रों से देखा करते हो तुम, कहीं मेरा सत्य आम न हो जाए ये सोच घबरा जाता हूँ. मैं लड़ूंगा फिर भी आदि से अंत तक , चलता चलूँगा मैं अब शून्य से लेकर अनंत तक. तुम जैसे आएँगे जाएंगे जीवन तो लोगों का ही मेला है, अब ये कभी कभी की बात नहीं ये मेरे लिए रोज़ का ही खेला है. मेरी काबिलियत को मेरे स्वभाव से मापने वा